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नमस्कार, वित्त के प्रति उत्साही साथियों! हमारे ब्लॉग में आपका स्वागत है, जहां हम भारत के वित्तीय परिदृश्य को समझाते हैं। आज, हम केंद्रीय बजट 2025 की चर्चा करेंगे, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्तुत किया। यह बजट विकास को तेज़ी से बढ़ाने, वित्तीय अनुशासन बनाए रखने और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है। आइए, मुख्य बिंदुओं को जानें:
1. कर सुधार:
- आयकर स्लैब्स: मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ी राहत-नए कर व्यवस्था के तहत ₹12 लाख तक की आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा। संशोधित कर स्लैब इस प्रकार हैं:
- ₹0 से ₹4 लाख: कोई कर नहीं।
- ₹4 लाख से ₹8 लाख: 5% कर।
- ₹8 लाख से ₹12 लाख: 10% कर।
- ₹12 लाख से ₹16 लाख: 15% कर।
- ₹16 लाख से ₹20 लाख: 20% कर।
- ₹20 लाख से ₹24 लाख: 25% कर।
- ₹24 लाख से ऊपर: 30% कर।
- टीडीएस और टीसीएस में समायोजन: किराए पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की सीमा ₹2.40 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने ₹10 लाख तक के शैक्षणिक ऋणों पर स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) को हटाने की योजना बनाई है, जिससे वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए प्रक्रिया सरल होगी।
- नया आयकर बिल: आने वाला बिल कर कानूनों को सरल बनाने का लक्ष्य रखता है, जिससे मौजूदा कानूनों को आधा कर दिया जाएगा, जिससे करदाताओं के लिए अनुपालन अधिक सरल हो जाएगा।
2. वित्तीय अनुशासन:
- राजकोषीय घाटे के लक्ष्य: बजट ने वित्तीय वर्ष 2025 के लिए राजकोषीय घाटे को 4.8% निर्धारित किया है और वित्तीय वर्ष 2026 में इसे कम करके 4.4% करने का अनुमान लगाया है, जो वित्तीय समेकन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
3. आर्थिक विकास की पहल:
- पूंजीगत व्यय: पूंजीगत परियोजनाओं पर सार्वजनिक खर्च मजबूत बना हुआ है, जो आर्थिक गतिविधियों को उत्तेजित करने और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने का संकेत देता है।
- कृषि और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम): बजट चार विकास इंजन पर जोर देता है: कृषि, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम), निवेश, और निर्यात। मुख्य पहलों में किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ऋण सीमा बढ़ाना और बिहार में स्थानीय किसानों का समर्थन करने के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना शामिल है।
4. सामाजिक कल्याण और समावेशन:
- रोज़गार सृजन: एक महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य 22 लाख नौकरियां उत्पन्न करना है, जिसमें रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए जूता और चमड़ा जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- स्वास्थ्य सेवाएं: 2025-26 तक 200 डेकेयर कैंसर केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव सुलभ स्वास्थ्य देखभाल के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
5. क्षेत्र-विशिष्ट पहलें:
- परमाणु ऊर्जा: ₹20,000 करोड़ के आवंटन के साथ एक परमाणु ऊर्जा मिशन की घोषणा की गई है, जो छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के विकास के लिए स्थापित किया जा रहा है, जिसमें से पांच रिएक्टर 2033 तक चालू होने की उम्मीद है।
- शिक्षा: ₹5,000 करोड़ की पहल उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना का लक्ष्य रखती है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता में होंगे, जिससे शिक्षा क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों पर ध्यान बढ़ेगा।
- आवास: SWAMIH योजना जारी रहेगी, जिसका लक्ष्य 2025 में तनावग्रस्त आवास परियोजनाओं में अतिरिक्त 40,000 आवास इकाइयों को पूरा करना है।
निष्कर्ष में, केंद्रीय बजट 2025 का स्पष्ट इरादा भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र का दर्जा दिलाने की दिशा में है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित विकास सुनिश्चित किया गया है। हालाँकि, प्रभावी निष्पादन महत्वपूर्ण होगा। निवेशकों को वास्तविक समय में इन नीतियों के विकास पर नजर रखनी चाहिए। अधिक जानकारी के लिए जुड़े रहें!
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