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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की फ्रांस यात्रा ने भारत-फ्रांस संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। इस दौरे में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम और चर्चाएं शामिल थीं, जो द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। आइए, इस यात्रा के प्रमुख बिंदुओं पर एक नजर डालते हैं।
शानदार स्वागत और मुख्य आकर्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का फ्रांस पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जी ने एलिसी पैलेस में उन्हें गले लगाकर अभिवादन किया। यह यात्रा फ्रांस के बैस्टिल डे समारोह के साथ मेल खाती है, जिससे इसे सांस्कृतिक महत्व भी मिला।
एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) एक्शन समिट: एक स्मार्ट भविष्य की ओर
इस यात्रा का मुख्य आकर्षण पेरिस में आयोजित एआई एक्शन समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सह-अध्यक्षता थी। इस समिट का उद्देश्य भारत और फ्रांस के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस – एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना था, जिसमें नैतिक एआई विकास, तकनीकी साझेदारी, और युवा नवाचारकर्ताओं के लिए अवसर सृजन पर जोर दिया गया।
भारत-फ्रांस सीईओ फोरम: आर्थिक संबंधों को मजबूती
भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं ने व्यापार, निवेश, और नवाचार पर चर्चा की। इस फोरम में रक्षा, एयरोस्पेस, हरित ऊर्जा, और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों का पता लगाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत की आर्थिक वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए फ्रांस के व्यवसायों को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे अभियानों में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
मार्सिले में भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मार्सिले में नए भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य दक्षिणी फ्रांस में भारतीय समुदाय को बेहतर सेवाएं प्रदान करना और राजनयिक संबंधों को सुदृढ़ करना है। यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों का प्रतीक है।
भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उन भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने विश्व युद्ध में फ्रांस की सेनाओं के साथ लड़ाई लड़ी थी। यह सम्मान दोनों देशों के साझा इतिहास और बलिदानों की याद दिलाता है, जिससे भावनात्मक और ऐतिहासिक संबंध और मजबूत होते हैं।
द्विपक्षीय चर्चाएं: भविष्य की दिशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जी ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की:
- रक्षा सहयोग: दोनों नेताओं ने रक्षा उपकरणों के संयुक्त उत्पादन और तकनीकी हस्तांतरण पर जोर दिया, जिसमें भारत की वायुसेना की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद शामिल है।
- जलवायु परिवर्तन: दोनों देशों ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के तहत स्वच्छ ऊर्जा पहलों और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
- अंतरिक्ष सहयोग: भारत और फ्रांस ने उपग्रह प्रक्षेपण और संयुक्त अंतरिक्ष अन्वेषण मिशनों में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की, जिससे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुसंधान में साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा।
- शिक्षा और संस्कृति: चर्चाओं में छात्र विनिमय कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने की योजनाएं शामिल थीं।
भविष्य की साझेदारियां: विश्वास की नींव
अपनी चर्चाओं के दौरान, भारत और फ्रांस ने भविष्य की साझेदारियों के लिए एक रोडमैप तैयार किया, जिसमें कई प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं:
- ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में सहयोग का विस्तार: दोनों देश ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने का लक्ष्य रखते हैं। भारत का राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन 2030 तक प्रति वर्ष 5 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखता है, जिसमें अदानी समूह और फ्रांस की टोटलएनर्जीज़ जैसी साझेदारियों से महत्वपूर्ण निवेश शामिल है।
- साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करना: डिजिटल सुरक्षा के बढ़ते महत्व को देखते हुए, भारत और फ्रांस ने साइबर रक्षा को मजबूत करने के लिए सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की। इसमें सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना, संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना, और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए मजबूत ढांचे विकसित करना शामिल है।
- जलवायु अनुकूल कृषि में सहयोग: दोनों देश कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और सतत कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान और नवाचारों को साझा करने की योजना बना रहे हैं।
- बुनियादी ढांचे और शहरी विकास में निवेश बढ़ाना: भारत और फ्रांस ने बुनियादी ढांचे और शहरी विकास परियोजनाओं में निवेश को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की। इसमें सतत शहरी योजना, स्मार्ट सिटी पहलों, और कुशल सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों के विकास में सहयोग शामिल है, जिसका उद्देश्य शहरी जीवन स्तर में सुधार और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करना है।
यह बहुआयामी रोडमैप भारत और फ्रांस की साझी दृष्टि को दर्शाता है, जो नवाचार, सततता, और पारस्परिक विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने पर केंद्रित है।
पृष्ठभूमि और मुख्य निष्कर्ष
भारत और फ्रांस ने 1998 के रणनीतिक साझेदारी समझौते के बाद से एक मजबूत साझेदारी साझा की है। इस यात्रा ने मौजूदा संबंधों को और मजबूत किया, जहां दोनों देशों ने आपसी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जी के बीच गर्मजोशी भरी और हास्यपूर्ण मित्रता एक उल्लेखनीय पहलू रही, जो उनके व्यक्तिगत संबंध को दर्शाती है और उनके पेशेवर संबंध को और मजबूत बनाती है।
अस्वीकरण: यह लेख आधिकारिक रिपोर्टों, सरकारी बयानों और प्रकाशन तिथि तक सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। प्रस्तुत विवरणों की सटीकता और प्रासंगिकता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया गया है। हालांकि, प्रकाशन के बाद होने वाले किसी भी विकास, अपडेट या परिवर्तनों को इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया जा सकता है। पाठकों को नवीनतम जानकारी के लिए विश्वसनीय समाचार स्रोतों या आधिकारिक घोषणाओं का अनुसरण करने की सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त, इस लेख में व्यक्त की गई व्याख्याएँ या निष्कर्ष केवल सूचना के उद्देश्य से हैं और इन्हें अंतिम या निर्णायक आकलन के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
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