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हाल के वर्षों में, भारत के ई-कॉमर्स के क्षेत्र में कुछ प्रमुख कंपनियों का वर्चस्व रहा है, जिससे छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई) के लिए प्रतिस्पर्धा करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। इस असंतुलन को दूर करने के लिए भारत सरकार ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य एक समावेशी और विकेंद्रीकृत डिजिटल बाज़ार बनाना है।
ओएनडीसी क्या है?
31 दिसंबर 2021 को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा शुरू किया गया ओएनडीसी एक निजी गैर-लाभकारी संगठन है, जिसे भारत में ई-कॉमर्स को लोकतांत्रिक बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके मुख्य उद्देश्य हैं:
- प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म्स के एकाधिकार को समाप्त करना।
- मूल्य श्रृंखला का डिजिटलीकरण।
- संचालन का मानकीकरण।
- एसएमई और स्थानीय व्यवसायों के लिए समावेशिता बढ़ाना।
- लॉजिस्टिक्स में दक्षता बढ़ाना।
- उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प प्रदान करना।
- डेटा गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- परिचालन लागत को कम करना।
ओएनडीसी, ओपन-सोर्स तकनीकों और मानकीकृत प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए, उपभोक्ताओं और व्यापारियों को किसी विशिष्ट प्लेटफ़ॉर्म या एप्लिकेशन पर निर्भर हुए बिना वस्तुओं और सेवाओं का लेन-देन करने की अनुमति देता है। यह दृष्टिकोण उसी तरह है जैसे यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने भारत में डिजिटल भुगतान में क्रांति लाई थी।
प्रगति और प्रमुख उपलब्धियां
ओएनडीसी की यात्रा महत्वपूर्ण उपलब्धियों से भरी हुई है:
- 29 अप्रैल 2022: पायलट चरण पांच शहरों – नई दिल्ली, बेंगलुरु, भोपाल, शिलॉन्ग और कोयंबतूर में शुरू हुआ।
- 30 सितंबर 2022: बेंगलुरु अर्बन जिले में सार्वजनिक बीटा लॉन्च हुआ।
- 10 जनवरी 2024: सिंगापुर स्थित प्रोक्सटेरा के साथ पहली सफल अंतरराष्ट्रीय क्रॉस-बॉर्डर लेन-देन।
- मई 2024: एक महीने में 50 लाख खुदरा (रिटेल) ऑर्डर का रिकॉर्ड।
- अक्टूबर 2024: 800 से अधिक शहरों में विस्तार और 3,70,000 से अधिक विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं का समावेश।
विविध भागीदारी
ओएनडीसी ने विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारों को आकर्षित किया है:
- खरीदार ऐप्स: पेटीएम, मायस्टोर, मैजिकपिन, ओला और अन्य।
- विक्रेता ऐप्स: स्नैपडील, मीशो, मायस्टोर और अधिक।
- लॉजिस्टिक्स पार्टनर्स: ईकार्ट, डंज़ो, डेल्हीवरी, लोडशेयर।
विशेष रूप से, हीरो मोटोकॉर्प ने ओएनडीसी में शामिल होकर दोपहिया वाहनों के उत्पाद, एक्सेसरीज़ और पार्ट्स उपलब्ध कराए, जिससे ‘हीरो जेन्युइन पार्ट्स’ किसी भी खरीदार ऐप के माध्यम से ग्राहकों के लिए सुलभ हो गए।
चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा
हालांकि ओएनडीसी ने सराहनीय प्रगति की है, इसे विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म्स के एकीकरण, डेटा गोपनीयता सुनिश्चित करने और निर्बाध उपयोगकर्ता अनुभव बनाए रखने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन हितधारकों के बीच निरंतर सहयोग और समावेशिता की प्रतिबद्धता के साथ, ओएनडीसी भारत के ई-कॉमर्स क्षेत्र को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है।
निष्कर्ष
ओएनडीसी भारत में ई-कॉमर्स को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। यह एक विकेंद्रीकृत और समावेशी डिजिटल बाज़ार को बढ़ावा देकर एसएमई और स्थानीय व्यवसायों को डिजिटल अर्थव्यवस्था में उभरने का अवसर प्रदान करता है। जैसे-जैसे ओएनडीसी विकसित हो रहा है, यह सभी के लिए एक अधिक न्यायसंगत और कुशल ई-कॉमर्स सिस्टम का वादा करता है।
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