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30 जून 2025 से नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक नया नियम लागू करने की घोषणा की है, जिसके तहत सभी UPI ऐप्स को भुगतान की पुष्टि करने से पहले लाभार्थी का सत्यापित नाम और बैंक विवरण दिखाना अनिवार्य होगा। यह कदम उन मामलों को रोकने के लिए उठाया गया है, जहाँ ठग नकली वर्चुअल ID और भ्रामक नामों का उपयोग करके लोगों को धोखा देते हैं।
यह बदलाव NPCI के प्रबंध निदेशक और सीईओ दिलीप अस्बे के नेतृत्व में डिजिटल भुगतान में विश्वास और सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। RTGS और NEFT जैसे भुगतान सिस्टम में पहले ही नाम-लुकअप फीचर आरबीआई के निर्देश पर लागू किया जा चुका है।
पृष्ठभूमि
UPI की जबरदस्त सफलता और बढ़ती चुनौतियाँ
- 2016 में लॉन्च होने के बाद से UPI लेनदेन की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है – 2025 की शुरुआत तक यह आँकड़ा प्रति माह 13 अरब से अधिक हो गया है।
- लेकिन इस सुविधा के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं भी बढ़ीं – जैसे गलत नंबर पर पैसे भेज देना या फर्जी VPA (Virtual Payment Address) का इस्तेमाल कर किसी का रूप धारण करना।
- पुणे के रमेश जैसे आम उपयोगकर्ता ने ₹500 मिठाई के लिए “Rahul.kumar@bank” पर भेजे, लेकिन वह पैसे किसी और को चले गए – गनीमत रही कि बैंक और कॉल्स की मदद से पैसा वापस मिल गया।
RBI की समान पहल
- जनवरी 2025 में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने RTGS और NEFT के लिए भी लाभार्थी नाम सत्यापन सुविधा की घोषणा की थी।
- यह सुविधा 1 अप्रैल 2025 से शुरू की गई, जिससे हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शनों में भी गलत खाते में पैसा जाने की घटनाएं घटने लगीं।
नया NPCI नियम
क्या बदलने जा रहा है?
- पहले: UPI ऐप्स केवल प्राप्तकर्ता का VPA या मोबाइल नंबर दिखाते थे।
- 30 जून 2025 के बाद: ऐप्स को प्राप्तकर्ता का पूरा नाम और बैंक का नाम, जैसा कि बैंक रिकॉर्ड में है, दिखाना अनिवार्य होगा।
- यह नियम Google Pay, PhonePe, Paytm, BHIM और अन्य छोटे फिनटेक ऐप्स समेत सभी UPI-सक्षम ऐप्स पर लागू होगा।
यह कैसे काम करेगा?
- नाम सत्यापन: जब आप किसी VPA या मोबाइल नंबर को दर्ज करेंगे, ऐप NPCI के डेटाबेस को एक अनुरोध भेजेगा।
- प्रदर्शन और पुष्टि: लाभार्थी का सटीक नाम (जैसे “Anjali Sharma”) और बैंक का नाम (जैसे “State Bank of India”) स्क्रीन पर दिखाई देगा।
- अंतिम अनुमोदन: आपको यह पुष्टि करनी होगी कि नाम और बैंक वही हैं, जिन्हें आप पैसे भेजना चाहते हैं, तभी आप UPI पिन डाल सकेंगे।
ज़मीनी असर
सामान्य जीवन में बदलाव
- दुकानदार मीना (दिल्ली): अब अगर मीना गलती से ग्राहक का गलत VPA डाल दे, तो नाम जांचकर वह तुरंत पकड़ लेगी।
- ग्रामीण भारत में सुधार: *99# USSD सिस्टम का उपयोग करने वाले गांवों में भी यह सुविधा फीचर फोन स्क्रीन पर नाम दिखाकर मदद करेगी।
- मजेदार घटनाएं: एक कॉलेज छात्र ने पिज़्ज़ा के पैसे “Jatin.rocks@bank” को भेजने चाहे, लेकिन पैसे चाय की दुकान को चले गए – अब वह मजाक करता है कि “एक दिन की शाम की चाय मेरी तरफ़ से थी”। ₹150 वापस मिल गए, लेकिन सबक मिल गया।
कानूनी उपाय और धनवापसी
- तुरंत शिकायत दर्ज करें: यदि आप गलती से पैसा गलत खाते में भेज देते हैं, तो 48 घंटों के भीतर अपने UPI ऐप पर “Raise Issue” विकल्प के ज़रिए शिकायत दर्ज करें।
Google Pay और PhonePe जैसे ऐप्स में यह सुविधा पहले से मौजूद है। - बैंक और NPCI: यदि ऐप की सहायता से समाधान नहीं होता है, तो आप अपने बैंक और NPCI की शिकायत पोर्टल पर मामला बढ़ा सकते हैं।
- बैंकिंग लोकपाल: RBI के बैंकिंग लोकपाल योजना के तहत, यदि बैंक उचित प्रमाणों के बाद भी धनवापसी नहीं करता है, तो आप लोकपाल से संपर्क कर सकते हैं।
- पुलिस और कानूनी कार्रवाई: यदि राशि बड़ी हो या धोखाधड़ी का संदेह हो, तो पुलिस में FIR दर्ज कराना और कानूनी कदम उठाना सबसे अच्छा विकल्प होता है।
विशेषज्ञों की राय
- Adhil Shetty (Bankbazaar.com): “यह नाम सत्यापन सुविधा ग्राहक सुरक्षा के लिए गेम-चेंजर है। अब उपयोगकर्ता जान सकेंगे कि वे पैसे किसे भेज रहे हैं – गलतियाँ और धोखाधड़ी से बचाव होगा।”
- Kavita Rao (फिनटेक विश्लेषक): “NPCI का यह कदम दिलीप अस्बे के नेतृत्व में UPI की पारदर्शिता और मजबूती को और बढ़ा रहा है – यह डिजिटल भुगतान को वास्तव में मूर्ख-प्रूफ बना रहा है।”
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