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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी द्वारा ईयू (युरोपियन यूनियन) पर 25% टैरिफ धमकी
- क्या हो रहा है?: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी ने घोषणा की है कि यदि ईयू व्यापार बाधाएँ नहीं कम करता है, तो वह कारों और वाइन जैसी ईयू वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाएंगे। इस कदम का उद्देश्य अमेरिकी उद्योगों की सुरक्षा करना और यू.एस. के साथ ईयू के $184 बिलियन व्यापार अधिशेष को कम करना है।
- अब क्यों?: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी का दावा है कि ईयू टैरिफ अमेरिकी श्रमिकों के लिए “अन्यायपूर्ण” हैं, जो उनके “अमेरिका फर्स्ट” नीति का हिस्सा है। इस धमकी से ईयू पर दबाव भी बढ़ता है कि वह अमेरिका के लिए बेहतर व्यापार शर्तें तय करे।
- उपभोक्ताओं पर प्रभाव: ईयू से आयातित वस्तुओं की बढ़ी हुई कीमतें अमेरिकी उपभोक्ताओं को नुकसान पहुँचा सकती हैं, जैसे कि जर्मन कारों की कीमत में लगभग $5,000 की वृद्धि हो सकती है। ईयू द्वारा प्रत्युत्तरात्मक टैरिफ भी अमेरिकी निर्यातकों के लिए लागत बढ़ा सकते हैं।
- वैश्विक प्रतिक्रियाएँ: ईयू के नेता व्यापार युद्ध की चेतावनी दे रहे हैं, जिससे अमेरिकी तकनीकी और फार्मास्यूटिकल उत्पादों पर टैरिफ लगने की धमकी है। अमेरिकी व्यवसायों में विभाजन है—कुछ उच्च लागत से चिंतित हैं, जबकि अन्य नौकरियों की सुरक्षा का समर्थन करते हैं।
‘गोल्ड कार्ड’ वीजा क्या है?
- लागत और लाभ: गोल्ड कार्ड वीजा के लिए अमेरिकी सरकारी फंड में $5 मिलियन (≈ ₹43 करोड़) का निवेश आवश्यक है। यह 12–18 महीनों के भीतर स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) प्रदान करता है, जिससे लंबे इमिग्रेशन बैकलॉग को टाला जा सकता है।
- EB-5 वीजा का स्थानापन्न: पुराने EB-5 वीजा के विपरीत, जिसमें $1 मिलियन निवेश और नौकरी सृजन की आवश्यकता होती थी, गोल्ड कार्ड में नौकरी सृजन के नियम नहीं हैं। इससे अमीर निवेशकों के लिए निवास प्राप्त करना आसान हो जाता है।
- कर प्रोत्साहन: गोल्ड कार्ड धारकों को कर में छूट मिलती है, और उन्हें विदेशी आय पर अमेरिकी कर नहीं चुकाना पड़ता। यह वैश्विक निवेशकों को वित्तीय लचीलापन प्रदान करने के कारण आकर्षक है।
- विवाद: आलोचकों ने इसे “पे-टू-स्टे” योजना कहकर अति धनवान वर्ग के पक्ष में होने का आरोप लगाया है, जिससे पारंपरिक इमिग्रेशन रास्तों को बाईपास किया जा रहा है। समर्थकों का तर्क है कि यह अरबों के विदेशी निवेश को आकर्षित करके अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है।
निवास कार्यक्रमों में वैश्विक रुझान
- माल्टा का निवेश द्वारा नागरिकता: माल्टा €690,000 में ईयू पासपोर्ट बेचता है, जिसे “नागरिकता की बिक्री” के रूप में आलोचना का सामना करना पड़ता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी का गोल्ड कार्ड नागरिकता नहीं बेचता, लेकिन “कैश-फॉर-रेजिडेंसी” मॉडल का प्रतिबिंब है।
- कनाडा का स्टार्ट-अप वीजा: कनाडा सक्रिय व्यावसायिक भागीदारी की आवश्यकता रखता है, जो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी के निष्क्रिय निवेश मॉडल से भिन्न है। यह दिखाता है कि कैसे विभिन्न देश अमीर प्रवासियों को आकर्षित करते हैं।
- ताइवान का गोल्ड कार्ड: ताइवान कुशल पेशेवरों पर ध्यान केंद्रित करता है, और बिना बड़े निवेश की आवश्यकता के 3 साल का निवास प्रदान करता है। यह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी के धन-केंद्रित दृष्टिकोण से भिन्न है।
पृष्ठभूमि: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी का इमिग्रेशन एजेंडा
- यात्रा प्रतिबंध और सीमा दीवार: 2017 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी द्वारा जारी यात्रा प्रतिबंध में मुस्लिम बहुल देशों को निशाना बनाया गया था, जो उनके प्रतिबंधात्मक इमिग्रेशन नीतियों को दर्शाता है। उनकी सीमा दीवार के विस्तार का उद्देश्य शरणार्थियों को रोकना था।
- धन-आधारित इमिग्रेशन में बदलाव: गोल्ड कार्ड अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी के “मेरिट-आधारित” इमिग्रेशन के दबाव के अनुरूप है, जो पारिवारिक संबंधों की तुलना में आर्थिक योगदान को प्राथमिकता देता है।
आगे क्या?
- टैरिफ: ईयू अमेरिकी निर्यात जैसे तकनीकी और फार्मास्यूटिकल उत्पादों पर प्रत्युत्तरात्मक टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहा है, और व्यापार युद्ध की चेतावनी दे रहा है।
- गोल्ड कार्ड: इस प्रस्ताव को कांग्रेस में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, जहां डेमोक्रेट इसे “एलिटिस्ट” कह रहे हैं और रिपब्लिकन इसकी निष्पक्षता पर विभाजित हैं।
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