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जनवरी
- तिथि और समय (अवधि): शुरूआत: 28 जनवरी 2025, रात 7:35 बजे – समाप्ति: 29 जनवरी 2025, शाम 6:05 बजे
- अमावस्या का नाम: माघ अमावस्या
- अन्य नाम: मौनी अमावस्या, महाशिवरात्रि अमावस्या
- महत्त्व: माघ अमावस्या पितरों की आत्मा की शांति के लिए किए जाने वाले अनुष्ठानों के लिए अत्यधिक शुभ मानी जाती है। भक्त इस दिन प्रार्थना और तर्पण करते हैं, जिससे जीवित और मृतक दोनों के कल्याण की मान्यता है।
फरवरी
- तिथि और समय (अवधि): शुरूआत: 27 फरवरी 2025, सुबह 8:55 बजे – समाप्ति: 28 फरवरी 2025, सुबह 6:14 बजे
- अमावस्या का नाम: फाल्गुन अमावस्या
- अन्य नाम: वसंत अमावस्या, होली अमावस्या, सोमवती अमावस्या
- महत्त्व: फाल्गुन अमावस्या पितरों का सम्मान करने और परिवार की भलाई से संबंधित अनुष्ठानों के लिए जानी जाती है। यह दिन कुछ क्षेत्रों में वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है और इसे नवीनीकरण और पुनर्जीवन से जोड़ा जाता है। यह दिन होली की तैयारियों से भी जुड़ा है।
मार्च
- तिथि और समय (अवधि): शुरूआत: 28 मार्च 2025, रात 7:55 बजे – समाप्ति: 29 मार्च 2025, शाम 4:27 बजे
- अमावस्या का नाम: चैत्र अमावस्या
- अन्य नाम: चैत्र नवरात्रि अमावस्या, विष्णु अमावस्या
- महत्त्व: चैत्र अमावस्या कुछ क्षेत्रों में हिंदू नववर्ष की शुरुआत को चिह्नित करती है। यह दिन भगवान विष्णु जी की पूजा और समृद्धि व शांति के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का होता है। भक्त उपवास और प्रार्थना करके नए, समृद्ध वर्ष की शुरुआत करते हैं।
अप्रैल
- तिथि और समय (अवधि): शुरूआत: 27 अप्रैल 2025, सुबह 4:49 बजे – समाप्ति: 28 अप्रैल 2025, रात 1:00 बजे
- अमावस्या का नाम: वैशाख अमावस्या
- अन्य नाम: वैशाख अमावस्या, पितृ अमावस्या, तर्पण अमावस्या
- महत्त्व: वैशाख अमावस्या आत्मा की शुद्धि के लिए दान और अनुष्ठान करने के लिए शुभ मानी जाती है। भक्त पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं और पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिससे आध्यात्मिक प्रगति और आगामी फसल के मौसम के लिए आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मई
- तिथि और समय (अवधि): शुरूआत: 26 मई 2025, दोपहर 12:11 बजे – समाप्ति: 27 मई 2025, सुबह 8:31 बजे
- अमावस्या का नाम: ज्येष्ठ अमावस्या
- अन्य नाम: ज्येष्ठ अमावस्या, पितृ पक्ष अमावस्या, महालय अमावस्या
- महत्त्व: ज्येष्ठ अमावस्या पर पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए पूजा-अर्चना की जाती है। लोग तर्पण और अन्य अनुष्ठान करते हैं ताकि उनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे। यह दिन आत्ममंथन और बाधाओं को पार करने की शक्ति के लिए प्रार्थना करने के लिए शांतिपूर्ण होता है।
जून
- तिथि और समय (अवधि): शुरूआत: 24 जून 2025, सुबह 6:59 बजे – समाप्ति: 25 जून 2025, दोपहर 4:00 बजे
- अमावस्या का नाम: आषाढ़ अमावस्या
- अन्य नाम: आषाढ़ अमावस्या, गुरु पूर्णिमा अमावस्या
- महत्त्व: आषाढ़ अमावस्या को आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन गुरुजनों और पितरों का सम्मान करने का होता है। इस दिन दान, प्रार्थना और ध्यान से शांति और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
जुलाई
- तिथि और समय (अवधि): शुरूआत: 24 जुलाई 2025, रात 2:28 बजे – समाप्ति: 25 जुलाई 2025, रात 12:40 बजे
- अमावस्या का नाम: श्रावण अमावस्या
- अन्य नाम: श्रावण अमावस्या, हरियाली अमावस्या, गटारी अमावस्या
- महत्त्व: श्रावण अमावस्या पर पितरों की पूजा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह दिन महत्वपूर्ण है। लोग उपवास रखते हैं, ध्यान करते हैं और अनुष्ठान करते हैं ताकि परिवार में सुख-शांति बनी रहे। यह दिन भगवान विष्णु जी या भगवान शिव जी की पूजा से भी जुड़ा है।
अगस्त
- तिथि और समय (अवधि): शुरूआत: 22 अगस्त 2025, दोपहर 11:55 बजे – समाप्ति: 23 अगस्त 2025, सुबह 11:35 बजे
- अमावस्या का नाम: भाद्रपद अमावस्या
- अन्य नाम: भाद्र अमावस्या, पिठोरी अमावस्या
- महत्त्व: भाद्रपद अमावस्या पितरों की पूजा के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसमें आध्यात्मिक शुद्धि पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। भक्त तर्पण और अन्य अनुष्ठान करते हैं ताकि परिवार की भलाई हो। कुछ क्षेत्रों में यह दिन गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत से भी जुड़ा है।
सितंबर
- तिथि और समय (अवधि): शुरूआत: 21 सितंबर 2025, रात 12:16 बजे – समाप्ति: 22 सितंबर 2025, रात 1:23 बजे
- अमावस्या का नाम: अश्विन अमावस्या
- अन्य नाम: नवरात्रि अमावस्या, शरद अमावस्या
- महत्त्व: अश्विन अमावस्या भगवान विष्णु जी और अन्य देवताओं की पूजा के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह त्योहारों के मौसम की शुरुआत के समय पड़ती है। यह दिन शरद नवरात्रि की शुरुआत को चिह्नित करता है, जो विशेष रूप से भारत के उत्तरी और पश्चिमी भागों में उत्सव और भक्ति का पर्व है।
अक्टूबर
- तिथि और समय (अवधि): शुरूआत: 20 अक्टूबर 2025, दोपहर 3:44 बजे – समाप्ति: 21 अक्टूबर 2025, शाम 5:54 बजे
- अमावस्या का नाम: कार्तिक अमावस्या
- अन्य नाम: दीवाली अमावस्या, दीपावली अमावस्या
- महत्त्व: कार्तिक अमावस्या सबसे अधिक मनाई जाने वाली अमावस्याओं में से एक है, खासकर दीवाली पर्व के लिए, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। लोग शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक प्रगति के लिए प्रार्थना करते हैं। कार्तिक अमावस्या की रात ध्यान और भक्ति के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है।
नवंबर
- तिथि और समय (अवधि): शुरूआत: 19 नवंबर 2025, सुबह 9:43 बजे – समाप्ति: 20 नवंबर 2025, दोपहर 12:16 बजे
- अमावस्या का नाम: मार्गशीर्ष अमावस्या
- अन्य नाम: माघ अमावस्या, मार्गशीरा अमावस्या
- महत्त्व: मार्गशीर्ष अमावस्या भगवान विष्णु जी की पूजा और शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शुभ मानी जाती है। लोग पितरों के लिए तर्पण और अन्य अनुष्ठान करते हैं। यह ध्यान और प्रार्थना का समय भी है, साथ ही वर्ष भर की आध्यात्मिक प्रगति पर विचार करने का अवसर है।
दिसंबर
- तिथि और समय (अवधि): शुरूआत: 19 दिसंबर 2025, सुबह 4:59 बजे – समाप्ति: 20 दिसंबर 2025, सुबह 7:12 बजे
- अमावस्या का नाम: पौष अमावस्या
- अन्य नाम: तर्पण अमावस्या, पितृ अमावस्या, चंद्र अमावस्या
- महत्त्व: पौष अमावस्या पितरों की पूजा के लिए समर्पित दिन है, जहां पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए अर्पण किए जाते हैं। यह तर्पण (अनुष्ठानों) के लिए आदर्श दिन है, जो शांति और सामंजस्य लाता है। भक्त पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और प्रार्थना करते हैं।
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