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डिजिटल भुगतान और वित्तीय समावेशन के लिए एक बड़ी छलांग
अंतर्राष्ट्रीय मनी ट्रांसफर को फिर से परिभाषित करने वाले एक ऐतिहासिक कदम में, भारत ने आधिकारिक तौर पर UPI-UPU इंटीग्रेशन परियोजना शुरू की है। इस अभूतपूर्व पहल की घोषणा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दुबई में आयोजित प्रतिष्ठित 28वीं यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में की। दुनिया इस पर ध्यान दे रही है, और इसका एक अच्छा कारण है – यह सिर्फ एक और तकनीकी अपडेट नहीं है। यह एक दूरदर्शी कदम है जो लाखों लोगों के लिए सीमा पार पैसा भेजना तेज़, सस्ता और अधिक सुलभ बना देगा।
तो, यह UPI-UPU इंटीग्रेशन आखिर है क्या?
आइए इसे सरल शब्दों में समझते हैं। कल्पना कीजिए कि भारत की क्रांतिकारी डिजिटल भुगतान प्रणाली, UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) की शक्ति को UPU (यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन) की विशाल वैश्विक पहुँच के साथ मिला दिया जाए। UPU संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो 192 सदस्य देशों की डाक सेवाओं को जोड़ती है।
यह इंटीग्रेशन भारत के डाक विभाग (DoP), NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL), और UPU के बीच एक रणनीतिक साझेदारी है। इसके मूल में, यह UPI को UPU के सुरक्षित इंटरकनेक्शन प्लेटफॉर्म (IP) से जोड़ता है, जिससे दुनिया भर में वित्तीय लेनदेन के लिए एक निर्बाध पुल बनता है।
इसका लक्ष्य? किसी को भी UPU के विशाल डाक नेटवर्क के माध्यम से UPI की रीयल-टाइम, सुरक्षित और लागत प्रभावी डिजिटल भुगतान प्रणाली का उपयोग करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैसा भेजने या प्राप्त करने की अनुमति देना।
इस परियोजना का गेम-चेंजिंग महत्व
इस पहल का महत्व बहुत बड़ा है और इसे कई स्तरों पर देखा जा सकता है:
- कम लागत, उच्च गति से धन भेजना: दशकों से, विदेशों में काम करने वाले भारतीयों के लिए घर पैसा भेजने में कई बिचौलियों, उच्च शुल्क और लंबे समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ती थी। UPI-UPU इंटीग्रेशन यह सब बदल देगा। यह पैसा भेजना लगभग उतना ही आसान और तुरंत बना देगा जितना कि एक टेक्स्ट संदेश भेजना, जिससे लागत और समय दोनों में भारी कमी आएगी। यह उन परिवारों के लिए एक बहुत बड़ी राहत है जो विदेश से भेजे गए पैसों पर निर्भर हैं।
- वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना: यहीं पर असली जादू होता है। जबकि आधार, जन धन योजना और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक जैसी पहलों ने पहले ही लाखों लोगों को बैंकिंग प्रणाली में ला दिया है, यह नई परियोजना डिजिटल भुगतान सेवाओं को देश के सबसे दूरस्थ कोनों और प्रवासी समुदायों तक ले जाएगी। यह हर किसी को, उनके स्थान की परवाह किए बिना, डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने के लिए सशक्त बनाता है।
- डाक नेटवर्क के लिए एक नई भूमिका: डाक नेटवर्क अब केवल पार्सल और मेल पहुँचाने तक ही सीमित नहीं रहेगा। सभी 192 UPU सदस्य देशों के डाक विभाग अब डिजिटल वित्तीय लेनदेन के केंद्र बन जाएँगे। यह उनके लिए राजस्व के नए स्रोत खोलता है और उन्हें आवश्यक सार्वजनिक सेवाएँ प्रदान करने की अनुमति देता है, जिससे वे आधुनिक वित्तीय सेवा प्रदाताओं में बदल जाते हैं।
- वैश्विक डिजिटल भुगतान लीडर के रूप में भारत: यह कदम वैश्विक डिजिटल भुगतान परिदृश्य में एक लीडर के रूप में भारत की स्थिति को मजबूती से स्थापित करता है। अपने बढ़ते प्रभाव को पहचानते हुए, भारत को UPU की प्रशासन परिषद और डाक संचालन परिषद के लिए भी नामित किया गया है, जो वैश्विक डाक और वित्तीय सेवाओं के भविष्य को आकार देने में उसकी भूमिका को मजबूत करता है।
वैश्विक लक्ष्यों के साथ संरेखण
अंत में, यह परियोजना संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ पूरी तरह से मेल खाती है। प्रमुख SDG लक्ष्यों में से एक विदेश से पैसे भेजने की लागत को 3% से कम करना है। अंतर्राष्ट्रीय मनी ट्रांसफर को अविश्वसनीय रूप से सस्ता बनाकर, UPI-UPU इंटीग्रेशन निम्न और मध्यम आय वाले परिवारों पर वित्तीय बोझ को काफी कम करेगा, जिससे गरीबी को कम करने में मदद मिलेगी।
निष्कर्ष में, यह सिर्फ एक तकनीकी साझेदारी से कहीं बढ़कर है; यह सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है। यह डिजिटल इंडिया का सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधित्व करता है – सुरक्षित, उपयोगकर्ता के अनुकूल, और सीधे लोगों के बैंक खातों से जुड़ा हुआ, जिससे वॉलेट या बिचौलियों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। वैश्विक भुगतानों का भविष्य यहाँ है, और इसका नेतृत्व गर्व से भारत कर रहा है।






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